ग्रंथ 'श्रीमद्‌भगवद्‌गीता' को 'गीता' भी कहा जाता है। साक्षात् भगवान श्रीकृष्ण के मुखारविन्द से निकली 'गीता' वेद-उपनिषदों का सार ग्रंथ है। इसकी प्रासंगिकता कालजयी है।  'गीता' की जयन्ती मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनायी जाती है। इसी उपलक्ष्य में सी.आर.पी.एफ.पब्लिक स्कूल के हिंदी-संस्कृत विभाग ने 'गीता जयन्ती' का आयोजन 1 दिसम्बर 2025 को हर्षोल्लास से किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय की माननीया प्रधानाचार्या श्रीमती निधि चौधरी द्वारा पावन गीता ग्रंथ पर  पुष्पांजलि अर्पित करके किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में विद्यार्थियों ने लौकिक सरस्वती वंदना एवं वैदिक शिव संकल्प सूक्त का गायन किया। तत्पश्चात छात्रों और शिक्षकों के द्वारा, 'दिल्ली शिक्षा निदेशालय' द्वारा 'गीता जयंती' पर प्रस्तावित 'गीता' के  आरंभ, मध्य और अंत के तीन श्लोकों का समवेत स्वर में  वाचन किया गया। कार्यक्रम में 'गीता श्लोक गायन' प्रतियोगिता में  प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले क्रमश: श्रद्धा सदन, श्रम सदन और  शौर्य सदन के प्रतिभागियों ने भी अपनी प्रस्तुति दी। बच्चों के द्वारा 'कृष्ण-अर्जुन संवाद'  की नाट्य प्रस्तुति इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही । कार्यक्रम के अंत में 'गीता प्रश्नोत्तरी' के अंतर्गत 'गीता' पर आधारित ज्ञानवर्धक प्रश्न, बच्चों से पूछे गए। इन प्रश्नों के उत्तर बच्चों ने उत्साह पूर्वक दिये ।

'गीता जयंती' के अवसर पर बच्चों को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्या महोदया ने 'गीता' के निष्काम कर्म सिद्धांत को अपने जीवन में उतारने का संदेश देते हुए विद्यालय के ध्येय 'योग कर्मसु कौशलम्' के माध्यम से गीता का सार तत्व समझाया। कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र से हुआ।यह कार्यक्रम अपने उद्देश्य की पूर्ति में पूर्णतया सफल रहा।







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